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पृथ्वी ग्रह पर जबसे 2019 से कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ा है तब से विश्व के ज्यादातर देशों में इसका प्रभाव रहा है और आज 2021 में भी यह प्रभाव जारी है बस इसके लिए विश्व के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों ने पीके निजात कर लिए हैं जिसके कारण कुछ हद तक इसको कम करा जा सकता है लेकिन यह भी अभी आम लोगों तक सीमित है क्योंकि यह भी प्रभावित क्षेत्र और सबसे पहले प्रभावित व्यक्तियों को ही लगाए जा रहे हैं या जो अनुभवी स्वास्थ्य कार्यकर्ता और कर्मचारी आदि इस कोरोना महामारी से जुड़े हुए हैं और
आगे चलकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं उनके लिए यह टीका सबसे पहले प्रायिकता अनुसार उन लोगों को दिया जा रहा है वहीं अगर बात करें महामारी के दूसरे प्रभाव को तो विकासशील देश मैं इसका प्रभाव तो है लेकिन इसके अतिरिक्त प्रभाव यहां के कुछ देश जैसे भारत, नेपाल बांग्लादेश, नाइजीरिया, केनिया, इथियोपिया और मलावी जैसे आदि देशों में बाल विवाह में तेजी रही है यहां रिपोर्ट यूनिसेफ अर्थात संयुक्त राष्ट्र बाल कोष द्वारा जारी कई रिपोर्ट यह कहती है कि विकसित और विकासशील देशों में बाल विवाह कोरोना महामारी के कारण खतरनाक स्तर पर बढ़ रहा है और यह अनुमान लगाया गया है कि इस दशक में एक करोड़ लड़कियों के साथ बाल विवाह का जोखिम जुड़ा हुआ है मतलब उनकी शादी 18 वर्ष से कम उम्र में हो सकती है!
अगर हम बात करें कम उम्र में शादी करने की तो यह उन लोगों के लिए खतरनाक ज्यादा हो सकता है क्योंकि इसकी वजह यह है कि जल्द विवाह होने और युवा अवस्था में मौत हो जाने के बीच स्पष्ट संबंध है और विश्व स्वास्थ्य संगठन अर्थात डब्ल्यूएचओ के मुताबिक विकासशील देशों में 15 से 19 वर्ष की लड़कियों की मौत के मामले में गर्भावस्था से जुड़ी जटिलताओं और बच्चे का जन्म प्रमुख कारण है और बाल वधुओं के बच्चे के साथ शिशु मृत्यु का जोखिम और बढ़ जाता है अगर हम बात करें इससे जुड़े विशेषज्ञों की तो कोरोना महामारी ने बाल विवाह से जुड़े कारणों को और गहरा किया है जिनमें शिक्षा तक पहुंच में कमी आर्थिक मुश्किलें और अभिभावक की मौत और किशोरावस्था में गर्भ धारण करना आदि शामिल है
जिसमें गर्भनिरोधक हासिल करने में आई बाधाओं से तेजी आई है वहीं हम यूनिसेफ की वरिष्ठ सलाहकार नान कली मकसूद कहती हैं कि को कोरोना महामारी 2019 नए निश्चित रूप से हमें पीछे धकेल दिया है क्योंकि कहीं शादी के मामले तो सामने नहीं आ सके और कई मामलों में तो युवा लड़कियों को अभिभावकों या फिर अन्य संबंधित लोगों ने करोड लोगों के साथ विवाह करने को मजबूर किया है और यदि बात करें प्रतिष्ठित संस्थान यूनिसेफ की तो इनका अनुमान है कि अभी मौजूद 6 करोड़ लड़कियों और महिलाओं का विवाह बाल अवस्था में हुआ और बच्चों की पैरवी करने वाले कहते हैं कि भारत ,बांग्लादेश, नाइजीरिया, केन्या, इथियोपिया और मलावी, नेपाल आदि जगहों में बाल विवाह में तेजी आई है और जहां लंबे समय से यह समस्या है
कई जगहों पर किशोरावस्था में गर्भावस्था के मामले 3 गुना हो गए जबकि नेपाल में शादी की वैधानिक न्यूनतम उम्र 20 साल है लेकिन वहां हालात बेहद खराब दिखते हैं और इस देश में मौजूदा हालात में युवा महिलाओं के लिए बाल विवाह से बचना मुश्किल हो गया है एशिया के गरीब देशों में से एक नेपाल रेमिटेंस अर्थात जो विदेश से घर भेजे जाने वाला धन और मात्र पर्यटन व्यवसाय पर ही निर्भर है और कोरोना महामारी ने इन दोनों को तबाह कर दिया है- Source -The New YorkTimes News2021
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