विकासशील देशों में महिला सशक्तिकरण

 21वीं सदी में #अविकसित देश , विकासशील देश और विकसित देशों में #महिलासशक्तिकरण के लिए अलग-अलग योजनाएं अलग-अलग #जागरूकताअभियान सभी देशों की सरकारों द्वारा समय-समय पर चलाया जा रहा है कारण इसके पीछे कुछ भी हो सामाजिक-आर्थिक लेकिन यह बदलाव धीरे धीरे बढ़ता जा रहा है क्योंकि जिस तरीके से लोगों की साक्षरता दर बढ़ती जा रही हैं लोग महिला साक्षरता या महिला सशक्तिकरण योजनाओं में भागीदारी बनने लगे हैं जिसकी एक मिसाल विकासशील देश #भारत की भी है जोकि विश्व की 5 टॉप अर्थव्यवस्था में आता है और आने वाले समय में विश्व की टॉप 4 अर्थव्यवस्था में शामिल होगा 2030 तक भारत देश में ऐसे तो बहुत सारी महिला सशक्तिकरण की योजनाएं चल रही है जो कि निम्न प्रकार है जिससे यहां की अर्थव्यवस्था ही नहीं सुधरेगी बल्कि प्रति व्यक्ति आय भी बढ़ेगी अगर महिला सशक्तिकरण की योजनाएं अच्छी चली और लोगों ने उसको समझा समय पर जिससे जो महिलाओं का प्रतिशत है पुरुष के मुकाबले काम करने का उसमें आदमी भरता बहुत आएगी जहां विकसित देशों में आगे बढ़ने की होड़ है क्योंकि वहां पर जेंडर गैप कम है या यूं कहें वहां पर समृद्धि ज्यादा है जिसमें अमेरिका जापान इंग्लैंड फ्रांस जर्मनी साउथ कोरिया चाइना आदि देश है और कुछ समृद्ध #मिडिलईस्ट के देश #सऊदीअरब  आदि देश भी महिला सशक्तिकरण की योजनाएं योजनाओं को बढ़ावा दे रहे हैं जिस तरीके से वह भविष्य को जान रहे हैं कि महिलाओं के सशक्तिकरण योजना ही उनके देशों को ज्यादा समृद्धि आने वाले समय में दिला सकती है अगर पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का प्रतिशत देखा जाए किसी भी देश में तो #विकसित देशों के मुकाबले #विकासशीलदेश और #अविकसित देशों में महिलाओं का कार्य करने की क्षमता का प्रतिशत बहुत कम है पुरुषों के मुकाबले इसी को ध्यान रखते हुए भारत देश में #महिलासशक्तिकरण की #योजनाएं निम्न प्रकार है जो भारत देश को विश्व की #आर्थिकशक्ति समय पर बना सकता है क्योंकि निम्न प्रकार है!


1- सुकन्या समृद्धि योजना  भी आने वाले  10 से 20 साल में महिलाओं की साक्षरता दर  काफी बढ़ाएगी  और जिससे भारत  #आत्मनिर्भर  2030 तक काफी होगा !

 2- जन धन योजना सरकार की एक अच्छी पहल है जो कि पिछले 5 सालों से जल्दी आ रही है जिसमें लोगों ने बहुत बैंक बचत खाते खोले हैं जिनके देश में अभी तक किसी बैंक में बचत खाता नहीं था जिससे लोगों में जागरूकता आई और सरकार ने अन्य योजनाएं भी महिला सशक्तिकरण के लिए लागू करी जो कि एक कीर्तिमान और आज निर्भरता की और एक बहुत बड़ा कदम है ! 


3-  स्वयं सहायता समूह गठित करना भी सरकार के विभाग राष्ट्रीय ग्रामीण विकास मिशन की योजना के अंतर्गत यह स्वयं सहायता समूह गठित करे जा रहे हैं पूरे देश के राज्यों में और इससे पहले एक स्वयंसेवी संस्था या एनजीओ हेल्प एज इंडिया द्वारा सबसे पहले बुजुर्ग महिलाओं के लिए आत्मनिर्भर बनने के लिए स्वयं सहायता समूह लगभग हर देश के राज्यों में बनाए गए जो कि उत्तर भारत में काफी पॉपुलर हुआ और उसके बाद स्वयं सहायता समूह का भारत सरकार के राष्ट्रीय ग्रामीण विकास मिशन के अंतर्गत बनाए गए जिसके द्वारा ग्रामीण और शहरी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए बहुत बड़ी-बड़ी योजनाएं सरकार द्वारा निकाली गई जिसके द्वारा कृषि क्षेत्र से लेकर व्यवसाय क्षेत्र मैं स्वयं सहायता समूह ने अपने आत्मनिर्भर होने का डंका बजाया और आज कई सारे स्वयं सहायता समूह राष्ट्रीय स्तर ही नहीं विदेशों में भी कुछ निर्यात कर रहे हैं जिसका भारत देश की अर्थव्यवस्था में आने वाले समय में बहुत बड़ा योगदान होगा महिलाओं द्वारा या स्वयं सहायता समूह द्वारा जो कि आगे अगर शिक्षा इनकी अच्छी हुई #स्वयंसहायतासमूह #एसएचजी की तो आगे कंपनी का भी प्रबंध हो सकता है जिसके द्वारा यह अच्छी खासी इनकम भी कर सकते हैं और आत्मनिर्भर के साथ इनकी प्रकृति व प्रति व्यक्ति आय बहुत ज्यादा बढ़ेगी 2030 तक जो कि भारत देश के लिए विकसित होने के लिए एक  उत्तम माध्यम होगा! 


4- महिलाओं को  33% रिजर्वेशन भी भारत  के कई राज्य सरकारों द्वारा  दिया जा रहा है जिससे महिला सरकारी नौकरियों जैसे  सशस्त्र बलों में  आर्मी और  सिविल नौकरियों में  अपने स्थान  प्राप्त कर रही है  और महिलाएं अपने विकास की ओर अग्रसर है ! 

5- सरकारी नौकरियों में महिलाओं का अलग विभाग द्वारा  चयन करना जैसे #सशस्त्रबलों में #आर्मी #पुलिस आदि #सरकारीनौकरियों में जो कि  महिलाओं के सरकारी नौकरी में चयन  के लिए पारदर्शिता का उचित माध्यम में और उचित वातावरण के लिए भी सर्वोत्तम माध्यम और इनके वाद विवाद को निपटाने के लिए भी उचित माध्यम होगा और वही भारत में प्राइवेट सेक्टर में भी महिलाओं के लिए आने जाने के लिए सभी प्राइवेट कंपनियों द्वारा उचित #सुरक्षा #कैब आदि की सुविधा दी जाती है 24 घंटे नौकरी करने के लिए!


6- भारत  की खुली अर्थव्यवस्था होना  महिला सशक्तिकरण आदि योजनाओं के लिए लाभकारी है ! जिस तरीके से भारत में 65% #युवा #महिला #पुरुष 25 से 35 साल के बेरोजगार हैं उस तरीके से अगर हम महिलाओं को आगे बढ़ते हुए देखना चाहते हैं या महिला सशक्तिकरण की योजनाओं का आधारभूत फायदा देखना चाहते हैं देश की जनता द्वारा तो उसका सही इंप्लीमेंटेशन बहुत जरूरी होता है और उसका फीडबैक लेना भी बहुत जरूरी होता है जिसके द्वारा इस योजना का क्रियान्वयन सरकार के लिए या #स्वयंसेवीसंस्था या #एनजीओ के लिए बहुत जरूरी होता है जिससे समुदाय ग्रामीण क्षेत्र और ग्राम ,राज्य आदि की समृद्धि बढ़ती है और अर्थव्यवस्था में भी इसका बहुत बड़ा योगदान होता है ! 

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