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21वीं सदी में जिस तरीके से #दक्षिणएशिया के देशों में बदलाव हो रहा है उसमें #भारत भी अछूता नहीं है भारत की वर्तमान सरकार जिसे #केंद्रसरकार भी कहते हैं के द्वारा #किसानों की #आय #2022 तक #डबल करने के लिए प्रतिबंध है और उसके लिए सरकार हर महीने कुछ ना कुछ किसानों के लिए नई #नईयोजनाएं चलाती रहती है!
जिसमें एक केंद्र सरकार की ओर से पशु पालकों के लिए शुरू की जा रही यहां ई वाउचर योजना की अब शुरुआत होने जा रही है जो कि उत्तराखंड राज्य में अप्रैल माह से शुरू की जाएगी इस योजना के तहत टैग पशुओं का केंद्र सरकार का #इनाफपोर्टल पर पंजीकरण करने के बाद डेयरी उद्योग से जुड़े या किसान जो भी पशुपालक है उसके पशुओं को Rs.500 का वाउचर दिया जाएगा ! सरकार द्वारा जारी इस ई वाउचर से पशुपालक अपने पशुओं के इलाज कृत्रिम गर्भाधान टीकाकरण आदि शुल्क का भुगतान किया जाएगा पशुओं की इस योजना की प्रक्रिया में पशुपालकों को कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा और वही केंद्र सरकार राज्य सरकार के साथ मिलकर ई वाउचर योजना के लिए 7 जनवरी 2021 को उत्तराखंड में आई केंद्रीय टीम ने 7 जनवरी 2021 को पशुपालन निदेशालय में सचिव पशुपालन आर मीनाक्षी सुंदरम की अध्यक्षता में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठकर इस योजना के बारे में सभी को जानकारी दी और
भारत देश में पशुपालकों की इस ई वाउचर योजना की शुरुआत उत्तराखंड राज्य से ही की जाएगी और यहां ई वाउचर योजना एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में #देहरादूनजिला और #हरिद्वारजिला का चयन किया गया है और केंद्रीय टीम ने ऋषिकेश स्थित सीमन लैब रुड़की बहादराबाद लाल थप्पड़ क्षेत्र वाला बेल्डा गांव विकास नगर क्षेत्र और कालसी क्षेत्र आदि का दौरा किया !
सहायक आयुक्त दुर्ग और पशुपालन मंत्रालय राजेश्वरी जी ने बताया कि पशुपालक के एक पशु का इंफॉर्मेशन नेटवर्क फार एनिमल प्रोडक्टिविटी एंड हेल्थ जिस का शार्ट नाम #इनाफ भी कह सकते हैं के पोर्टल मैं पशुपालकों को पंजीकरण कराना होगा और जिसके बाद पशु पालकों की टैग पशु की सारी जानकारी का डाटा #इनाफपोर्टल पर #ऑनलाइन किया जाएगा !
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