दीपावली में कौन-कौन से ग्रीन पटाखे का चलन है

 दीपावली में ग्रीन पटाखों का चलन बढ़ रहा है, जो पर्यावरण के अनुकूल हैं और कम प्रदूषण फैलाते हैं। इन पटाखों में हानिकारक रसायनों की मात्रा कम होती है, जिससे वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण कम होता है।

*ग्रीन पटाखों के प्रकार:*


- *SWAS (सुरक्षित जल रिलीजर)*: इसमें एक छोटी पानी की थैली होती है जो पटाखा फोड़ने पर वाष्प के रूप में निकलती है, जिससे धूल दब जाती है। 


- *SAFAL (सुरक्षित न्यूनतम एल्युमिनियम)*: इसमें एल्युमिनियम का न्यूनतम उपयोग होता है, और इसके स्थान पर मैग्नीशियम का उपयोग किया जाता है, जो कम ध्वनि और कम प्रदूषण फैलाता है।

- *STAR (सुरक्षित थर्माइट क्रैकर)*: इसमें भी कम प्रदूषण फैलाने वाले तत्व होते हैं।

*ग्रीन पटाखों के फायदे:*


- कम वायु प्रदूषण

- कम ध्वनि प्रदूषण

- पर्यावरण के अनुकूल


*सुप्रीम कोर्ट के निर्देश:*


सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि केवल ग्रीन पटाखों का ही उपयोग किया जाना चाहिए, और इन पटाखों को बनाने और बेचने के लिए कड़े नियमों का पालन करना होगा। 


*निष्कर्ष:*


ग्रीन पटाखे दीपावली के त्योहार को मनाने का एक अच्छा विकल्प हो सकते हैं, क्योंकि ये पर्यावरण के अनुकूल हैं और कम प्रदूषण फैलाते हैं। हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि हम इन पटाखों का उपयोग जिम्मेदारी से करें और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएं।

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