साहसिक हिमालय

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#साहसिकहिमालय क्षेत्र में भेड़ बकरी पालन  आम है  ऊंचे हिमालय क्षेत्र में  चाहे वह उत्तराखंड हो  या #हिमाचल हो  या नॉर्थ ईस्ट के राज्य हो  और जम्मू-कश्मीर आदि क्षेत्र  यहां पर  #भेड़ #बकरियों  से  उच्च कोटि की उन्हों का उत्पादन करा जाता है  और उच्च कोटि के  गरम  और नरम  कपड़े  स्वदेश में ही नहीं पहने जाते बल्कि विदेशों में भी इसकी बहुत मांग है


  इसी तरीके से  उत्तराखंड में भी  भेड़ों से उनका उत्पादन  सरकार जोरों शोरों से करना चाहती है जिसके लिए  #ऑस्ट्रेलिया से  उच्च कोटि की  भेजें  लाई गई है  जिससे नई प्रजाति की  उत्पन्न करती है करी जाए  और  भेड़ों से ज्यादा से ज्यादा दोनों का उत्पादन उत्तराखंड में करा जाए  और पलायन को रोका जाए  और #उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाया जाए , #हिमालय क्षेत्र में  #तिब्बत  हो या  #मंगोलिया या #नेपाल  देश हो या  #भूटान  और  #अरुणाचल प्रदेश  और जम्मू कश्मीर के साथ  पाक ऑक्यूपाइड कश्मीर  मैं भी  भेड़ बकरी  से  उनका उत्पादन आज भी बहुत करा जाता है  क्योंकि हिमालय क्षेत्र में  अत्यधिक ठंड होने के कारण 

                                    और  ज्यादा महीने बर्फी रहती है  जिसके कारण  वहां पर भेड़ बकरी  से उनका उत्पादन  करने में  आसानी होती है  और इसके साथ  #कृषि भी होती है  जिसमें #मोटेअनाज  जिसे #देसीअनाज भी कहते हैं  और इसके साथ चावल ,गेहूं , मक्का, मंडुवा, जो, लाल चावल, अरबी, अदरक ,लाल मिर्च, का फल ,#बेमौसमसब्जी, #खुमानी, #चुल्लू ,बादाम ,#अखरोट , #पूलम  या आलूबुखारा, #सेब, #चौलाई, #कावड़ी आदि फसलों का उत्पादन और अब तो भारत 

और #दक्षिणएशिया के  देशों के भी तमाम हिमालय राज्यों में #जैविकखेती  के उत्पादन  के साथ  पर्यटन  क्षेत्र में भी व्यवसाय करा जाता है और आपका  #एडवेंचर #हिमालया में  स्वागत है  और आप आए  777 दिन हिमालय में रहे और #हिमालय का #संरक्षण करा जाए और हिमालय की सुंदरता को और निहारा जाए  ताकि हिमालय की #जैवविविधता भी बनाई जा जा सके और क्षेत्र में रहने वालों की #आमदनी और #आत्मनिर्भरता भी बढ़ाई जा सके और #पलायन को रोका जाए विशेषकर #उत्तराखंड क्षेत्र में ,

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