26 दिसंबर को वीर बाल दिवस में क्या करें

26 दिसंबर को भारत में 'वीर बाल दिवस' (Veer Baal Diwas) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन सिखों के 10वें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों— बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी के सर्वोच्च बलिदान और वीरता को समर्पित है। इस दिन आप अपनी श्रद्धा प्रकट करने और साहिबजादों की बहादुरी को याद करने के लिए निम्नलिखित कार्य कर सकते हैं: 1. साहिबजादों की वीरता को जानें और साझा करें * इतिहास पढ़ें: जानें कि कैसे मात्र 7 और 9 वर्ष की आयु में साहिबजादों ने धर्म और सत्य की रक्षा के लिए सरहिंद के नवाब वजीर खान के सामने झुकने से इनकार कर दिया और दीवार में जिंदा चुनवाए जाने का बलिदान स्वीकार किया। * बच्चों को बताएं: यदि आपके घर में बच्चे हैं, तो उन्हें इन वीर नायकों की साहसपूर्ण कहानियां सुनाएं ताकि वे इनसे प्रेरणा ले सकें। 2. गुरुद्वारे जाकर सेवा और दर्शन * मत्था टेकें: इस दिन गुरुद्वारे जाकर अरदास करें और साहिबजादों की शहादत को नमन करें। * कीर्तन और कथा: गुरुद्वारों में इस दिन विशेष 'शहीदी दीवान' सजते हैं, जहाँ साहिबजादों की वीरता का वर्णन किया जाता है। उन्हें सुनना मन को साहस और शांति प्रदान करता है। 3. सामाजिक और शैक्षिक गतिविधियां * प्रतियोगिताएं: स्कूलों और संस्थाओं में इस दिन निबंध लेखन, पेंटिंग या भाषण प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। आप इनमें भाग ले सकते हैं या बच्चों को प्रेरित कर सकते हैं। * फिल्म या डॉक्यूमेंट्री: साहिबजादों के जीवन पर आधारित फिल्में (जैसे 'चार साहिबजादे') परिवार के साथ देख सकते हैं। 4. सेवा (लंगर और दान) * लंगर सेवा: गुरुद्वारों में लंगर की सेवा करना या जरूरतमंदों को भोजन कराना इस दिन के प्रति एक अच्छी श्रद्धांजलि हो सकती है। * ठंडे बुर्ज की याद: साहिबजादों और उनकी दादी माता गुजरी जी को ठंडे बुर्ज में कैद रखा गया था। उनकी शहादत की याद में कई जगहों पर सेवा भाव से दूध या भोजन का वितरण किया जाता है। 5. डिजिटल सहभागिता * सोशल मीडिया: आप सोशल मीडिया पर साहिबजादों के बलिदान से जुड़े संदेश और पोस्टर साझा कर सकते हैं ताकि अधिक से अधिक लोगों को इस गौरवशाली इतिहास के बारे में पता चले। एक विशेष नोट: भारत सरकार द्वारा घोषित यह दिवस हमें यह याद दिलाता है कि वीरता और बलिदान की कोई उम्र नहीं होती।

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