किसी विशेष मंदिर (जैसे केदारनाथ या महाकालेश्वर) के दर्शन के नियम

केदारनाथ और महाकालेश्वर, दोनों ही मंदिरों के दर्शन के नियम और अनुभव एक-दूसरे से काफी अलग हैं। यहाँ इन दोनों के प्रमुख नियम और जरूरी बातें दी गई हैं: 1. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग (उज्जैन) महाकाल मंदिर अपने अनुशासन और 'भस्म आरती' के लिए विश्व प्रसिद्ध है। * भस्म आरती का नियम: यह आरती सुबह 4:00 बजे होती है। इसके लिए आपको कम से कम 1-2 महीने पहले ऑनलाइन बुकिंग करनी पड़ती है। * ड्रेस कोड (जरूरी): भस्म आरती में शामिल होने के लिए पुरुषों को धोती (सोला) और महिलाओं को सूती साड़ी पहनना अनिवार्य है। अन्य कपड़ों में गर्भगृह में प्रवेश नहीं मिलता। * गर्भ गृह दर्शन: आम दिनों में श्रद्धालु बाहर से दर्शन करते हैं, लेकिन विशिष्ट समय पर जलाभिषेक के लिए गर्भगृह में प्रवेश मिलता है। इसके लिए भी ड्रेस कोड लागू होता है। * समय: मंदिर सुबह 4 बजे से रात 11 बजे तक खुला रहता है। 2. केदारनाथ ज्योतिर्लिंग (उत्तराखंड) केदारनाथ की यात्रा प्रकृति और मौसम पर निर्भर करती है, इसलिए यहाँ के नियम काफी सख्त हैं। * पंजीकरण (Registration): केदारनाथ यात्रा के लिए 'Char Dham Yatra Registration' अनिवार्य है। यह ऑनलाइन या ऋषिकेश/हरिद्वार में ऑफलाइन कराया जा सकता है। * दर्शन का समय: केदारनाथ के कपाट सर्दियों में बंद रहते हैं। यह केवल अप्रैल/मई से नवंबर (दीपावली) तक ही खुलते हैं। * शारीरिक फिटनेस: मंदिर तक पहुँचने के लिए गौरीकुंड से लगभग 16-18 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई करनी पड़ती है। इसके लिए मेडिकल चेकअप की सलाह दी जाती है। * गर्भगृह के नियम: दोपहर में भोग के समय मंदिर के कपाट बंद रहते हैं। शाम को विशेष आरती होती है जिसमें भक्त शामिल हो सकते हैं। * सावधानी: यहाँ मौसम कभी भी बदल सकता है, इसलिए गर्म कपड़े और रेनकोट साथ रखना अनिवार्य है। दोनों मंदिरों में सामान्य नियम: * फोटोग्राफी: दोनों ही मंदिरों के गर्भगृह (Inner Sanctum) के अंदर फोटो खींचना या वीडियो बनाना सख्त मना है। * साफ-सफाई: मंदिर परिसर में चमड़े का बेल्ट, पर्स या जूते-चप्पल ले जाना वर्जित है। * श्रद्धा और शांति: मंदिरों में मोबाइल फोन का उपयोग और शोर मचाना मना है। एक विशेष टिप: यदि आप उज्जैन जा रहे हैं, तो अब वहां 'महाकाल लोक' कॉरिडोर भी बन गया है, जिसे देखने में 2-3 घंटे का अतिरिक्त समय लगता है।

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