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सोमनाथ के बाद, भारत के विभिन्न राज्यों में 11 अन्य ज्योतिर्लिंग स्थित हैं। इन सभी 12 ज्योतिर्लिंगों के नाम और उनके स्थानों की सूची नीचे दी गई है:
| क्रम | ज्योतिर्लिंग का नाम | स्थान | राज्य |
|---|---|---|---|
| 1 | सोमनाथ | प्रभास पाटन (वेरावल) | गुजरात |
| 2 | मल्लिकार्जुन | श्रीशैलम | आंध्र प्रदेश |
| 3 | महाकालेश्वर | उज्जैन | मध्य प्रदेश |
| 4 | ओंकारेश्वर | खंडवा (नर्मदा नदी तट) | मध्य प्रदेश |
| 5 | केदारनाथ | रुद्रप्रयाग (हिमालय) | उत्तराखंड |
| 6 | भीमाशंकर | पुणे (डाकिनी क्षेत्र) | महाराष्ट्र |
| 7 | काशी विश्वनाथ | वाराणसी | उत्तर प्रदेश |
| 8 | त्र्यंबकेश्वर | नासिक | महाराष्ट्र |
| 9 | वैद्यनाथ | देवघर | झारखंड |
| 10 | नागेश्वर | द्वारका के पास | गुजरात |
| 11 | रामेश्वरम | रामेश्वरम | तमिलनाडु |
| 12 | घृष्णेश्वर | औरंगाबाद (एलोरा) | महाराष्ट्र |
कुछ विशेष तथ्य:
* उज्जैन का महाकालेश्वर: यह एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है, जिसका धार्मिक रूप से बहुत महत्व है।
* मल्लिकार्जुन: इसे 'दक्षिण का कैलाश' भी कहा जाता है। यहाँ शिव और पार्वती दोनों के ज्योति स्वरूप स्थित हैं।
* ओंकारेश्वर: जिस द्वीप पर यह मंदिर है, उसका आकार प्राकृतिक रूप से 'ॐ' जैसा बना हुआ है।
* त्र्यंबकेश्वर: यहाँ के लिंग में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों के प्रतीक तीन छोटे लिंग हैं।
इन 12 ज्योतिर्लिंगों के स्मरण के लिए एक बहुत प्रसिद्ध श्लोक भी है:
> "सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्। उज्जयिन्यां महाकालमोङ्कारममलेश्वरम्॥"
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