हिंदू रीति-रिवाज से तेरहवीं मनाने के लिए विधि-विधान

हिंदू रीति-रिवाज से तेरहवीं मनाने के लिए निम्नलिखित विधि-विधान हैं:
तेरहवीं की विधि 1. *श्राद्ध*: तेरहवीं के दिन श्राद्ध किया जाता है, जिसमें मृतक की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान और तर्पण किया जाता है। 2. *पिंडदान*: पिंडदान एक महत्वपूर्ण विधि है, जिसमें मृतक की आत्मा को शांति प्रदान करने के लिए पिंड चढ़ाए जाते हैं।
3. *तर्पण*: तर्पण एक विधि है, जिसमें मृतक की आत्मा को जल अर्पित किया जाता है। 4. *ब्राह्मण भोजन*: तेरहवीं के दिन ब्राह्मण भोजन कराया जाता है, जिसमें मृतक की आत्मा की शांति के लिए भोजन अर्पित किया जाता है। 5. *दान*: तेरहवीं के दिन दान करना एक अच्छा विचार है, जिसमें मृतक की आत्मा की शांति के लिए दान दिया जाता है।
तेरहवीं के दौरान क्या नहीं करना चाहिए 1. *शोक मनाना*: तेरहवीं के दौरान शोक मनाने से बचना चाहिए और मृतक की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए।
2. *मांसाहार*: तेरहवीं के दौरान मांसाहार से बचना चाहिए और शुद्ध शाकाहारी भोजन करना चाहिए। 3. *व्यर्थ की बातें*: तेरहवीं के दौरान व्यर्थ की बातें करने से बचना चाहिए और मृतक की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए।
उम्मीद है, ये जानकारी आपको तेरहवीं मनाने के लिए मदद करेगी।

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