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आधुनिक वॉयरलैस नेटवर्क के जनक नॉर्मन अब्रामसन जो कि ऐसे वैज्ञानिक थे जिन्होंने और उनकी टीम ने 1971 में अलोहा नेट का विकास कर रेडियो तरंगों के जरिए कंप्यूटरों के बीच डाटा ट्रांसफर किया जो अपने आप में ही एक अनोखा आविष्कार था 1971 के समय जिस टाइम इंटरनेट के बारे में कोई जान ही नहीं सकता था
और उनकी टीम ने किया अनु का आविष्कार किया जिसके अगुवाई आज पूरे विश्व इनके युवा सभी लोग कर रहे हैं क्योंकि यह किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का एक रेडी साधन बन चुका है वह है इंटरनेट, और यही सूचनाएं आज पूरी दुनिया में मोबाइल फोन उपग्रहों वाईफाई और सेल्यूलर आदि नेटवर्क के #वायरलेस #कम्युनिकेशन का आधार बन चुका है आधुनिक वायरलेस नेटवर्क के जनक ना रमन ने #हावर्डविश्वविद्यालय और #कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से #भौतिकविज्ञान व #इंजीनियरिंग विषय से पढ़ाई करने के बाद अमेरिका के प्रसिद्ध #विश्वविद्यालय #स्टैनफोर्डविश्वविद्यालय से #पीएचडी की थी और
उन्हें समुद्र की लहरों पर सर्फिंग करना बहुत अच्छा लगता था इसलिए उन्होंने अमेरिका के द्वीप हवाई के विश्वविद्यालय में पढ़ाने की #नौकरी स्वीकार करें ताकि वह अपना यह सर्फिंग का सॉन्ग भी पढ़ाई लिखाई के साथ पैसा कमाने के साथ पूरा कर सकें यहां से उन्होंने #अमेरिकी महाद्वीप स्थित विश्व में पहली बार अमेरिका में डाटा का आदान प्रदान मुश्किल काम था इसे संभव बनाने के लिए उन्होंने अलोहा नेट विकसित किया जिसका आज #इंटरनेट में #डाटा जो कि एक #बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए एक बहुत बड़ा साधन बन चुका है
और भविष्य की लड़ाई किसी भी इंटरनेट कंपनी सरकारी संस्था के लिए डाटा की ही होगी जो इन्होंने इनकी टीम ने विकसित करा इन्होंने अलोहा नेट में रेडियो तरंगों से डाटा को छोटे-छोटे पैकेट में बांट कर भेजने लगे जो कि आज डाटा इंटरनेट में इसी तरीके से भेजा जाता है या जाता है इसी से वायरलेस पैकेट कम्युनिकेशन की अवधारणा अस्तित्व में आई जिसका आज इंटरनेट इसी आधार पर विश्व में चलता है इसमें दो कोणों के बीच रेडियो तरंगों से डाटा ट्रांसफर संभव हुआ और
उनका निधन 88 वर्ष के 2020 में #सैनफ्रांसिस्को स्थान पर त्वचा के कैंसर से हुआ और उनका यह आविष्कार आधुनिक विश्व के सभी लोग याद करेंगे उनकी विश्वसनीय खोज को जिसका आधार आधुनिक दुनिया बनाना है!
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